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गुरुवार, 31 दिसंबर 2015

सर्वज्ञ भगवती



ज्योति जगत में जल रही, होती जय जयकार !
भगवती करात प्रणाम हुँ, तुझको बारम्बार !!
माता मुझपर करपा करों, नेह हृदय में तुम धरो !
संकट मेरे दूर करों, करत यही फरियाद!!
मैँ धूल मॉ तुम्हारे चरण की, भिक्षा दे अपने शरण की!
मैँ झुका तुम्हारे क़दमों पर, "माँ " !
तुझसे ही है आस !

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