जय माँ
जिन लोगो को अधिक आलस्य आता हो या सदा सुस्त रहते हो,तथा बुद्धि में सदा जड़ता का अनुभव होता हो वे इस लघु प्रयोग को करे.नित्य १०८ बार जाप करने से बुद्धि की जड़ता देह का आलस्य समाप्त हो जाता है.तथा साधक में एक नयी स्फूर्ति का संचार होता है.इस मंत्र को मंजू घोष मंत्र कहा जाता है.इस मंत्र से सम्बंधित अन्य दीर्घ प्रयोग तथा अनुष्ठान भी होते है जिससे साधक में सर्वज्ञता आती है,वो सर्वत्र विजय प्राप्त करता है तथा धन का आभाव सदा के लिये समाप्त हो जाता है.परन्तु इस विषय पर फिर कभी चर्चा होगी।अभी उपरोक्त प्रयोग करे और उर्जा प्राप्त करे।
मंजू घोष मंत्र :
अम-रम-वम-चम-लम-धीम
मंत्र एकदम सही है अतः अपनी और से कोई परिवर्तन न करे। इस मन्त्र को किसी भी माला पर कभी भी जप सकते है। कम से कम 1 माला जाप तो करे ही, आगे आपकी श्रद्धा पर निर्भर करता है।
साधको के लिए ये मन्त्र रामबाण है।
भगवती आप सभी मे नवऊर्जा का सञ्चार करे।
भगवती प्रणाम.....!!!
कुछ जगहो पर "अ र व च ल धीं" लिखा है और आपने "अम-रम-वम-चम-लम-धीम"
जवाब देंहटाएंइसका सही उच्चारण हो सके तो बताइये की किस तरह से उपयोग करना है और हमें इसका अधिक विस्तार में भी हो सके तो प्रयोग बताए या कहा पढ़ें ?