जय माँ
जैसा की मैंने आप सभी से कहा था की शिघ्र ही जञ्जीरा मन्त्र का द्वितीय प्रयोग बताउगा।
इस मन्त्र का प्रकाशन मैंने ग्रुप में नवरात्रो में किया था और काफी लोगो ने इसे सिद्ध भी किया और प्रयोग किया। सभी को इसके आश्चर्य जनक लाभ प्राप्त हुए।
इसी कर्म में प्रस्तुत है मन्त्र का द्वितीय प्रयोग।
तो एक बार फिर से मन्त्र देख लेते है।
मन्त्र :
जय अम्बा भू की रानी, काली माता कालका, काला भैरो है मतवाला, हनुमान चिल्लेवाला
मेरा कार्य ना सहारो , तो दोहाई है गुरु गोरख नाथ की
अंजनी का पुत्र हनुमान साजै
ये जञ्जीरा मन्त्र है। आज का प्रयोग सिर्फ वहीँ करेगे जिन्होंने पूर्व में इसे सिद्ध किया था। कुछ दिनों पहले मैंने कुछ सामग्रियां एकत्र करने को कहा था, आशा है की आप सभी ने कर ली होगी। जो की इस प्रकार से थी,
11 कमल गट्टे
1 हल्दी की गाँठ
1 चांदी का सिक्का
1 छोटा इत्र ( गुलाब का भूल कर भी न लेवे )
1 ग्राम केसर
अब मुख्य प्रयोग और विधि पर आते है।
विधि= कल शाम के समय ये सारी सामग्री अपने सामने किसी लाल वस्त्र में रखे और जञ्जीरा मन्त्र की 1 माला जाप करे। जाप के बाद इसकी एक पोटली बना लेवे और किसी भी हनुमान मंदिर या लक्ष्मी जी के मन्दिर में जावे, वहाँ फिर से इस पोटली को रख कर 31 बार मन्त्र जाप करे। यदि आप ये प्रबन्ध कर सकते है की 3 दिनों के लिए ये पोटली मंदिर में ही रख सके तो उत्तम रहेगा,अन्यथा 3 दिन लगातार मंदिर जाकर 31 बार मन्त्र जाप करे।
ध्यान देवे की 1 माला जाप आपको मात्र प्रथम दिन,करनी है और और फिर उसी दिन से 3 दिन लगातार मन्दिर जाकर जाप करना है।
तीसरे दिन,अंतिम दिन मंदिर में जाप के बाद कहे
" हे नारायण अंग सहाई,माता महा लक्षमी माई मेरे संग,मेरे घर पधारिए"
ऐसा 3 बार बोले और आदर भाव से इस पोटली को घर लेकर आये और आते ही अपने धन स्थान में रख देवे। इस क्रिया और मन्त्र के प्रभाव से लक्ष्मी जी को आपके जीवन में आना ही होगा।
मंदिर जाते समय और आते समय न किसी से कुछ बोले और न कहि रुके।
माँ लक्ष्मी आपके जीवन को समृद्धि प्रदान करे।
जय माँ
ध्यान देवे= इस साधना को सिर्फ वही कर सकते है,जिन्होंने पूर्व में इस का प्रथम प्रयोग किया था और मन्त्र सिद्ध कर लिया था। अब यदि बिना सिद्धि के किसी ने ये प्रयोग किया तो उस घर से माँ लक्ष्मि सदा के लिए चली जायेगी। अतः बार बार कह रहा हु की सिर्फ वहीँ लोग इस प्रयोग को करे,जिन्होंने पूर्व में नवरात्रो में मन्त्र का जाप,हवन करके मन्त्र सिद्ध कर लिया था।
भगवती प्रणाम....!!!
जैसा की मैंने आप सभी से कहा था की शिघ्र ही जञ्जीरा मन्त्र का द्वितीय प्रयोग बताउगा।
इस मन्त्र का प्रकाशन मैंने ग्रुप में नवरात्रो में किया था और काफी लोगो ने इसे सिद्ध भी किया और प्रयोग किया। सभी को इसके आश्चर्य जनक लाभ प्राप्त हुए।
इसी कर्म में प्रस्तुत है मन्त्र का द्वितीय प्रयोग।
तो एक बार फिर से मन्त्र देख लेते है।
मन्त्र :
जय अम्बा भू की रानी, काली माता कालका, काला भैरो है मतवाला, हनुमान चिल्लेवाला
मेरा कार्य ना सहारो , तो दोहाई है गुरु गोरख नाथ की
अंजनी का पुत्र हनुमान साजै
ये जञ्जीरा मन्त्र है। आज का प्रयोग सिर्फ वहीँ करेगे जिन्होंने पूर्व में इसे सिद्ध किया था। कुछ दिनों पहले मैंने कुछ सामग्रियां एकत्र करने को कहा था, आशा है की आप सभी ने कर ली होगी। जो की इस प्रकार से थी,
11 कमल गट्टे
1 हल्दी की गाँठ
1 चांदी का सिक्का
1 छोटा इत्र ( गुलाब का भूल कर भी न लेवे )
1 ग्राम केसर
अब मुख्य प्रयोग और विधि पर आते है।
विधि= कल शाम के समय ये सारी सामग्री अपने सामने किसी लाल वस्त्र में रखे और जञ्जीरा मन्त्र की 1 माला जाप करे। जाप के बाद इसकी एक पोटली बना लेवे और किसी भी हनुमान मंदिर या लक्ष्मी जी के मन्दिर में जावे, वहाँ फिर से इस पोटली को रख कर 31 बार मन्त्र जाप करे। यदि आप ये प्रबन्ध कर सकते है की 3 दिनों के लिए ये पोटली मंदिर में ही रख सके तो उत्तम रहेगा,अन्यथा 3 दिन लगातार मंदिर जाकर 31 बार मन्त्र जाप करे।
ध्यान देवे की 1 माला जाप आपको मात्र प्रथम दिन,करनी है और और फिर उसी दिन से 3 दिन लगातार मन्दिर जाकर जाप करना है।
तीसरे दिन,अंतिम दिन मंदिर में जाप के बाद कहे
" हे नारायण अंग सहाई,माता महा लक्षमी माई मेरे संग,मेरे घर पधारिए"
ऐसा 3 बार बोले और आदर भाव से इस पोटली को घर लेकर आये और आते ही अपने धन स्थान में रख देवे। इस क्रिया और मन्त्र के प्रभाव से लक्ष्मी जी को आपके जीवन में आना ही होगा।
मंदिर जाते समय और आते समय न किसी से कुछ बोले और न कहि रुके।
माँ लक्ष्मी आपके जीवन को समृद्धि प्रदान करे।
जय माँ
ध्यान देवे= इस साधना को सिर्फ वही कर सकते है,जिन्होंने पूर्व में इस का प्रथम प्रयोग किया था और मन्त्र सिद्ध कर लिया था। अब यदि बिना सिद्धि के किसी ने ये प्रयोग किया तो उस घर से माँ लक्ष्मि सदा के लिए चली जायेगी। अतः बार बार कह रहा हु की सिर्फ वहीँ लोग इस प्रयोग को करे,जिन्होंने पूर्व में नवरात्रो में मन्त्र का जाप,हवन करके मन्त्र सिद्ध कर लिया था।
भगवती प्रणाम....!!!