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मंगलवार, 23 फ़रवरी 2016

राम राम और 108



जय माँ.....
जब भी राम का नाम आता है तो हम राम-राम ही कहते है। प्रभु का नाम कभी एकल (राम) रूप में नही लिया जाता,बल्कि सामूहिक रूप ( राम-राम) से लिया जाता है। भारतीय फौज में आज भी अपने साथियो और उच्च अधिकारयों से राम राम बोल कर ही अभिवादन किया जाता है। जबकि गाँवो में तो ये आम बात है।
कभी सोचा है आपने की अकेले राम ही क्यों नही बोला जाता,राम राम ही क्यों।

तंत्र अपने आप में अनेको रहस्य समेटे हुए है। ऐसा ही एक रहस्य आज गुरुकृपा से में आपको बताने जा रहा हु। की कैसे सिर्फ एक बार "राम-राम" बोल कर हम पूरी एक माला जाप का फल प्राप्त कर सकते है।
हिंदी वर्ण माला में 52 अक्षर होते है। इनमे 16 स्वर और 36 व्यंजन है।
अब ज़रा राम शब्द पर गौर कीजिये
र+आ+म = राम
वर्ण माला के अनुसार यदि इन्हें अंक दिए जाए तो
र= 27
आ=2
म=25

योग होगा =54
एक बार "राम"का योग 54 तो 2 बार राम राम बोलने पर
54+54= 108
और ये बताने की तो आवश्यकता ही नही की माला में संख्या 108 होती है।
तो ये है प्रभु श्री राम के नाम की महिमा जो सिर्फ नाम ले देने से एक माला पूरी कर देती है।
तो अब से हाय हेल्लो छोड़िये..... राम राम बोलिये
जय माँ

भगवती प्रणाम.....!!!

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