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मंगलवार, 12 जनवरी 2016

सुखदायी यात्रा हेतु दुर्लभ शाबर मन्त्र:



आज के न्यूज़ पेपर को पढ़ कर इस पोस्ट को लिखने की प्रेरणा मिली। राजस्थान में देशनोक,श्री करनी माता जी के जाते समय मार्ग में एक सड़क दुर्घटना में 3 लोगो की मृत्यु हो गयी। भगवती इन सभी को अपने धाम में आश्रय प्रदान करे।
जय माँ
आज कल ये एक आम सी बात हो गयी है की किसी धर्मिक यात्रा पर जाते समय कोई न कोई दुर्घटना की खबर हम सुन और पढ़ रहे है। ऐसा क्या कारण है की लोग बड़े मन,श्रद्धा से यात्रा पर निकलते है और काल के ग्रास बन जाते है। इस बारे में कभी और चर्चा करेगे।
आज फिर से शाबर विद्या का परम् गोपनीय मन्त्र लेकर आया हु मैं। न कभी कहि देखा होगा न कभी सुना होगा।
इस मन्त्र से आपको दैनिक सुरक्षा प्राप्त होती है। यात्रा के समय यह मन्त्र आपकी यात्रा को सकुशल बनाता है, सभी की पूर्ण सुरक्षा करता है।
हम बड़े जतन,मन,श्रद्धा भाव से किसी यात्रा का कार्यक्रम बनाते है। ऐसे में यात्रा यदि किसी धार्मिक स्थल की होतो कहना ही क्या
किन्तु, भगवती को कभी कभी आपका आगमन स्वीकार नही होता। यात्रा से पूर्व घर में कुछ ऐसे योग बनते है जो बताते है की आपकी यात्रा ठीक नही, पर हम उन्हें समझ नही पाते और निकल पड़ते है।
आपकी किसी भी तरह की यात्रा चाहे वह एकल हो या सामूहिक उसे निर्विघ्न सम्पन करने के लिए आज का प्रयोग है।
कुछ समय पूर्व मैंने एक गोपनीय शाबर मन्त्र दिया था जिसे हनुमान जञ्जीरा कहा था मैंने,उसके प्रयोग अनेको ने किये और आज भी कर रहे है।
इस मन्त्र के अति विलक्षण परिणाम साधको को प्राप्त हो रहे है। इसी क्रम में एक और मन्त्र आज प्रस्तुत है।
इस मन्त्र से पूर्ण सुरक्षा प्राप्त होती है। आपकी सुरक्षा से ही सब सुख है।
पहले मन्त्र देख लेते है
                 ||मंत्र||
छाड़ो पंथ,जीव, जंतु, आदि के अन्त
बिछी साँप,भालु, बाधा सटे दंत
आदेश पिता धर्म की दुहाई
आज्ञा हारि मासि चण्डी की दोहाई

ध्यान देवे: मन्त्र को जैसा लिखा है वैसे ही जाप करे। तीसरी लाइन के आखिर में दुहाई लिखा है और अंतिम पक्ति के आखिर में दोहाई
अतः दोनों का उच्चारण दुहाई एवम् दोहाई ही होगा। दोनों शब्द भिन्न है। दोनों का उच्चारण एक सा न करे।

         ||मन्त्र को अनुकूल करने की विधि||
किसी षुक्ल पक्ष के रविवार को सांय 7 बजे के बाद 5 अगरबत्ती जला कर अपने सामने 5 बताशे रखे और मन्त्र का 31 बार जाप करे। सिर्फ अगरबत्ती और बताशे ही रखे अन्य किसी उपक्रम की आवश्यकता नही है।
अब मंगल और शनि को भी यही क्रिया दोहरादेवे। 5 बताशे सिर्फ प्रथम दिन,रवि को ही रखने है एवम् अगरबत्ती तीनो दिन लगानी है।
3 दिनों के क्रिया के बाद फिर से रविवार को ये 5 बताशे किसी मंदिर में दे देवे।
मन्त्र आपके लिए सिद्ध हो गया है।

                  ||कार्य विधि||
एकल रूप से स्वयं की दैनिक सुरक्षा के लिए घर से निकलने के पूर्व 11 बार मन्त्र का जाप करे और अपने सिने पर 3 फुक मार लेवे

किसी यात्रा आदि पर जाने से पूर्व 2 नीम्बुओं को उक्त मन्त्र से 21-21 बार अभिमन्त्रित करे। ध्यान रहे की पहले 1 निम्बू पर 21 बार जाप होगा, इसके उपरांत दूसरे निम्बू पर 21 बार।
अब इन दोनों नीम्बुओं को अपने वाहन आदि के दोनों टायरों के निचे इस तरह से रखे की गाड़ी इन पर से जाए।
जेसे ही वे दोनों निम्बू आपकी गाड़ी के निचे कुचले जायेगे,तत्क्षण ही आपके समस्त विघ्न,बाधा नष्ठ हो जायेगे।

एकल या सामूहिक रूप से सुरक्षा हेतु इस मन्त्र का जाप आपको पूर्ण आनंद प्रदान करेगा।
पराभगवती आपको एवम् आपके परिवार को सुखी रखे।

भगवती प्रणाम......!!!

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