दोेस्तो,इस दुनिया में कोई विरला हीं होगा जिस के कोई शत्रु न हों
इस लिए मेरा ये उपाय सभी की लिए हैं
कहते है की क़ामयाबी की साथ शत्रु फ्री मैं मिलते हैं , हम यदि अच्छा जीवन यपान कर रहे है, तो लोग अनायास हीं शत्रु बन जाते है.
शत्रु चाहें केसा भी हों.., वो आपके विरूद अपना 100% देता हैं ....
कोई तंत्र प्रयोग करता हैं , कोई किसी ना किसी तरह का सडयंत्र रचता हैं
आज की इस प्रयोग से आप अपने शत्रु पर हर तरह से लगाम लगा सकती हैं
प्रयोग पर आने से पहले एक चेतावनी दे रहा हुँ
" सिर्फ आजमाने वाले.., और व्यर्थ में किसी को परेशान करने के उद्देस्य से इस प्रयोग को न करे., अन्यथा भगवती कुपिेत हो कर उसी का भक्षण कर लेती हैं
अब प्रयोग पर आते है
बुधवार की रात्रि में ११ नींबू लेकेर माँ के तस्वीर के सामने सिंदुअर में सरसो का तेल मिला कर सभी ११ नीम्बुओं पर
किसी कील से अपने शत्रु का नाम लिखे ओर इस मंत्र की ३ माला जाप करें ., जाप के बाद इन नीम्बुओं कों कहि खाली ज़मीन मैं गाड़ देवे
इससे शत्रु आपका कुछ नही बिगाड़ पायेगा
मंत्र: " ओम क्रीं शत्रु नाशिनी क्रीं फट "
चेतावनी पुनः याद रहें...
भगवती प्रणाम......!!!
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