भगवती स्तुति
नव ग्रह , बारह राशियाँ , काली माँ के अधीन
ऐसे इष्ट के ध्यान में , सदा ही रहिये लीन
कालिका माँ मुंड मालिनी , खड़ग लियो रे हाथ
चरण -शरण में जो आये , सर्वदा उनके साथ
आदि -अनादि जड़ -चेतन इसी के माया रूप
तीनो लोक सम्हालती , इसकी कला अनूप
जय माँ
भगवती प्रणाम ......!!!
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