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शनिवार, 2 जनवरी 2016

श्री हनुमान जी का अद्द्भुत प्रयोग


जय माँ
कल मैंने एक प्रयोग के बारे में बात की थी , यह प्रयोग यदि पारद हनुमान पर किया जाए तो इसका फल सर्वोत्तम और मूंगे की हनुमान प्रतिमा पर उत्तम प्राप्त होता है .इस प्रयोग में हनुमान जी की पूजन की तांत्रिक विधि जो गुप्त आदि गुप्त है , उजागर की गयी है
किसी हनुमान मंदिर में भी ये किया जा सकता है  .परन्तु ऐसे हनुमान जी की फोटो के समक्ष न करे .
आलोकिक शक्ति , भक्ति और क़र्ज़ मुक्ति के लिए ये प्रयोग अति उत्तम है .
अपने कार्य का संकल्प लेकर यह प्रयोग सप्ताह में २ बार , मँगल एवं शनिवार को करते रहे .
सिद्ध पारद हनुमान प्रतिमा , मूंगे की प्रतिमा या किसी हनुमान प्रतिमा के सामने मन में हनुमान जी का ध्यान करे और दाए हाथ में लाल पुष्प , सिंदूर एवं चावल लेकर संकल्प करे ! सर्सो के तेल का आटे का दीपक जलावें , यह दीपक चावल के आसान पे रखे ! गुग्गल की धूप देवे .
अब प्रतिमा को गंगाजल से स्नान करवाये , और अपना पाठ आदि करे ! ५ माला रुद्राक्ष की माला पर यह मंत्र जापे !
" हं हनुमंते रुद्रात्मकाय हुम फ़ट "
जाप के बाद हाथ मैं गंगाजल लेकर अपना सम्पूर्ण फल हनुमान जी को अर्पित कर देवे .और हाथ
का जल धरती पर छोड देवे !
अब ऊपर लिखा मंत्र बोलकर ज़ोर से ताली बजावै और दोनों हाथो से ज़ोर से ही चुटकी बजा कर अपने दोनों कानो का स्पर्श करे .
दीन बनकर अपना कार्य कपिराज से दोहराये ! और अपना आसान छोड देवे .
माँ आप सभी की मनोकामना पूर्ण करे .....

भगवती प्रणाम .......!!!

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